Press Information Bureau
Government of India
Prime Minister's Office
:30PM by PIB Delhi
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साथियो,
प्राचीन स्वर्ण भूमि थाईलैंड में आप सबके बीच आकर के ऐसा लग रहा है कि आपने स्वर्ण भूमि को भी अपने रंग से रंग दिया है। ये माहौल, ये वेशभूषा, हर तरफ से अपनेपन का एहसास दिलाती है, अपनापन झलकता है। आप भारतीय मूल के हैं सिर्फ इसलिए नहीं, बल्कि थाइलैंड के कण-कण में, जन-जन में भी अपनापन नज़र आता है। यहां की बातचीत में, यहां के खान-पान में, यहां की परंपराओं में, आस्था में, आर्किटेक्चर में, कहीं न कहीं भारतीयता की महक हम जरूर अनुभव करते हैं।
साथियो,
पूरी दुनिया ने अभी-अभी दीपावली का त्यौहार मनाया है। यहां थाईलैंड में भी भारत के पूर्वांचल से भी काफी संख्या में लोग आए हैं और आज पूर्वी भारत में, अब तो करीब करीब पूरे हिन्दुस्तान में सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना का महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मैं भारतवासियों के साथ ही थाईलैंड में रहने वाले अपने सभी साथियों को भी छठ पूजा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
साथियो,
थाईलैंड की यह मेरी पहली official यात्रा है। तीन साल पहले थाईलैंड नरेश के स्वर्गवास पर मैंने शोक संतप्त भारत की ओर से यहां रूबरू में आकर के उन्हें श्रद्धांजालि अर्पित की थी। और आज, थाईलैंड के नए नरेश के राज-काल में, अपने मित्र प्रधानमंत्री ‘प्रयुत चान ओ च’ के निमंत्रण पर मैं भारत-आसियान समिट में भाग लेने आज यहाँ आया हूँ। मैं संपूर्ण राजपरिवार, थाईलैंड साम्राज्य की सरकार और थाई मित्रों को भारत के 1.3 बिलियन लोगों की और से अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
साथियो,
थाईलैंड के राजपरिवार का भारत के प्रति लगाव हमारे घनिष्ठ और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है। राजकुमारी महाचकरी स्वंय संस्कृत भाषा की बहुत बड़ी विद्वान है और संस्कृति में उनकी गहरी रूचि है। भारत से उनका आत्मीय नाता बहुत गहन है, परिचय बहुत व्यापक है और हमारे लिए ये बहुत सौभाग्य की बात है कि पद्मभूषण और संस्कृत सम्मान से भारत ने उनके प्रति अपना आभार व्यक्त किया है।
साथियो,
क्या आपने सोचा है कि हमारे रिश्तों में इतनी आत्मीयता आई कैसे? हमारे बीच संबंध और संपर्क की इस गहराई का कारण क्या है? ये आपसी विश्वास, ये घुल-मिल के रहना, ये सद्भाव, ये आए कहां से... इन सवालों का एक सीधा सा जवाब है... दरअसल, हमारे रिश्ते सिर्फ सरकारों के बीच के नहीं हैं और न ही किसी एक सरकार को इन रिश्तों के लिए हम कह सके कि इस समय हुआ, इस समय हुआ ऐसा भी नहीं कह सकते। हकीकत तो यह है कि इतिहास के हर पल ने, इतिहास की हर तारीख ने, इतिहास की हर घटना ने हमारे इन संबंधों को विकसित किया है, विस्तृत किया है, गहरा किया है और नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। ये रिश्ते दिल के हैं, आत्मा के हैं, आस्था के हैं, अध्यात्म के हैं। भारत का नाम पौराणिक काल के जंबूद्वीप से जुड़ा है । वहीं थाइलैंड सुवर्णभूमि का हिस्सा था। जंबूद्वीप और सुवर्णभूमि, भारत और थाईलैंड ये जुड़ाव हजारों साल पुराना है। भारत के दक्षिण, पूर्वी और पश्चिमी तट हजारों साल पहले दक्षिण पूर्वी एश्यिा के साथ समुद्र के रास्ते से जुड़े हैं। हमारे नाविकों ने तब समुद्र की लहरों पर हजारों मील का फासला तय करके समृद्धि और संस्कृति के जो सेतु बनाए वो आज भी विद्यमान हैं। इन्हीं रास्तों के जरिए समुद्री व्यापार हुआ, इन्हीं रास्तों से लोग आए-गए और इन्हीं के जरिए हमारे पूर्वजों ने धर्म और दर्शन, ज्ञान और विज्ञान, भाषा और साहित्य, कला और संगीत और अपनी जीवन-शैली भी साझा की।
भाईयो और बहनो, मैं अक्सर कहता हूं कि भगवान राम की मर्यादा और भगवान बुद्ध की करुणा, ये दोनों हमारी साझी विरासत है। करोड़ों भारतीयों का जीवन जहां रामायण से प्रेरित होता है, वही दिव्यता थाईलैंड में रामाकियन की है। भारत की अयोध्या नगरी, थाईलैंड में आ-युथ्या हो जाती है। जिन नारायण ने अयोध्या में अवतार लिया, उन के पावन-पवित्र वाहन - ‘गरुड़’ के प्रति थाईलैंड में अप्रतिम श्रद्धा है।
साथियो,
हम भाषा के ही नहीं, भावना के स्तर पर भी एक दूसरे के बहुत नजदीक हैं। इतने नजदीक कि कभी-कभी हमें इसका आभास भी नहीं होता। जैसे आपने मुझे कहा स्वास्दी मोदी ... इस स्वास्दी का संबंध संस्कृत के शब्द स्वस्ति से है। इसका अर्थ है- सु प्लस अस्ति, यानि कल्याण । यानि, आपका कल्याण हो। अभिवादन हो, Greetings हो, आस्था हो, हमें हर तरफ अपने नजदीकी सम्बन्धों के गहरे निशान मिलते हैं।
साथियो,
पिछले पांच सालों में मुझे दुनिया के कई देशों में जाने का अवसर मिला। और हर जगह भारतीय समुदाय से मिलना, उनके दर्शन करना, उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना, ये कोशिश मैं करता रहता हूं। और आज भी आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए मैं आपका बहुत आभारी हूं। लेकिन जब भी ऐसी मुलाकात हुई है, हरेक में मैंने देखा कि भारतीय समुदाय में भारत और उनके मेजबान देश की सभ्यताओं का एक अद्भुत संगम हमें नजर आता है। मुझे बड़ा गर्व होता है कि आप जहां भी रहे आपमें भारत रहता है, आपके भीतर भारत की संस्कृति और सभ्यता के मूल्य जीवंत रहते हैं। मुझे उतनी ही खुशी तब भी होती है जब उन देशों का नेतृत्व वहां के नेता, वहां के बिजनेस लीडरस भारतीय समुदाय की प्रतिभा, परिश्रम और अनुशासन की तारीफ करते हैं मुझे बहुत गर्व होता है। वो आपके मेल-जोल और शांति से रहने की प्रवृति के कायल नजर आते हैं । रे विश्व में भारतीय समुदाय की ये छवि हर हिन्दुस्तानी के लिए, पूरे भारत के लिए बहुत गर्व की बात है। और इसके लिए विश्व भर में फैले हुए आप सभी बंधु बधाई के पात्र हैं।
साथियो,
मुझे इस बात की भी खुशी होती है कि विश्व में जहां भी भारतीय हैं, वे भारत से संपर्क में रहते हैं। भारत में क्या हो रहा है, इसकी खबर रखते हैं। और कुछ लोग तो खबर ले भी लेते हैं और भारत की प्रगति से खासकर पिछले पांच साल की उपलब्धियों से विश्व भर में रहने वाले मेरे देशवासियों का माथा ऊंचा जाता है, सीना चौड़ा हो जाता है। उसका आत्मविश्वास अनेक गुणा बढ़ जाता है और यही तो देश की ताकत होती है।
साथियो,
वे अपने विदेशी मित्रों से कह सकते हैं, देखो – मैं भारतीय मूल का हूँ और मेरा भारत कैसी तेजी से, कितना आगे बढ़ रहा है। और जब कोई भी भारतीय दुनिया में ये कहता है तो आज दुनिया उसको बहुत गौर से सुनती है, आपने थाईलैंड में भी अनुभव किया होगा। क्योंकि 130 करोड़ भारतीय आज New India के निर्माण में लगे हुए हैं। आपमें से अनेक साथी जो पांच-सात साल पहले भारत गए होंगे उनको अब वहां जाने पर सार्थक परिवर्तन स्पष्ट अनुभव होता होगा। आज जो परिवर्तन भारत में आ रहा है उसी का परिणाम है कि देश के लोगों ने फिर एक बार.... फिर एक बार..... देशवासियों ने फिर एक बार मुझे, अपने इस सेवक को बीते लोकसभा चुनाव में पहले से भी अधिक आशीर्वाद दिया है।
साथियों,
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और ये हमारे लिए गर्व की बात है कि हम पूरे संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और दुनिया ये जानती भी है लेकिन लोकतंत्र का महाकुंभ यानी चुनाव... सबसे बड़ा चुनाव कैसे होता है, ये सही मायने में वही समझ सकता है जिसने इसे खुद अपनी आखों से देखा हो। आप संभवत: जानते होंगे कि इस साल के आम चुनावों में, इतिहास में सबसे ज़्यादा 60 करोड़ मतदाताओं ने मत डाले हैं, वोट डाले हैं। ये विश्व की लोकतंत्र के इतिहास की सबसे बड़ी घटना है। और हर भारतीय को इस बात का गर्व होना चाहिए। लेकिन क्या आप ये भी जानते हैं कि भारत के इतिहास में पहली बार महिला मतदाताओं की संख्या, यानी मतदान करने वाली महिलाएं अब पुरूषों के पीछे नहीं हैं जितने पुरूष वोट करते हैं इतनी ही महिलाएं भी वोट कर रही हैं। इतना ही नहीं, इस बार पहले से कहीं ज़्यादा महिला MPs लोकसभा में चुन कर आईं है। आजादी के बाद सबसे बड़ा नंबर है इस बार । क्या आप ये भी जानते हैं कि लोकतंत्र के प्रति हमारा commitment इतना गहरा है और आपको जान करके हैरानी होगी कि गुजरात में गीर सोमनाथ , गीर के जंगलों में एक मतदाता रहता है वहां जंगल में पहाड़ी में, उस एक मतदाता के लिए एक अलग पोलिंग बूथ बनाया जाता है। यानी हमारे लिए लोकतंत्र कितना बड़ा प्राथमिक है, कितना महत्वपूर्ण है, इसका ये उदाहरण है।
भाईयो और बहनो, भारत में और ये भी आपके लिए नई खबर होगी... भारत में छह दशक बाद यानी 60 साल के बाद किसी सरकार को पांच साल का टर्म पूरा करने के बाद पहले से भी बड़ा mandate मिला है। 60 साल पहले एक बार ऐसा हुआ था, 60 साल के बाद ये पहली बार हुआ है, और इसकी वजह है, पिछले पांच साल में भारत की उपलब्धियां.....। लेकिन इसका एक अर्थ यह भी है कि भारत के लोगों की अपेक्षाएं और आशाएं और बढ़ गई हैं। जो काम करता है लोग उसी से तो काम मांगते हैं। जो काम नहीं करता है लोग उसके दिन गिनते रहते हैं जो काम करता है उसे लोग काम देते रहते हैं। और इसलिए साथियों अब हम उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं जो कभी असंभव लगते थे। सोच भी नहीं सकते थे, मान के बैठे थे ये तो हो नहीं सकता है। आप सभी इस बात से परिचित हैं कि आतंक और अलगाव के बीज बोने वाले एक बहुत बड़े कारण से देश को मुक्त करने का निर्णय भारत ने कर लिया है। पता है... पता है क्या किया.. क्या किया.. थाईलैंड में रहने वाले हर हिन्दुस्तानी को पता है क्या किया... जब निर्णय सही होता है, इरादा सही होता है उसकी गूंज दुनिया भर में सुनाई देती है और आज थाईलैंड में भी सुनाई दे रही है।
Thank you , thank you ये आपका standing ovation... ये आपका standing ovation भारत की संसद के लिए है, भारत की पार्लियामेंट के लिए है, भारत के पार्लियामेंट के मेंबर्स के लिए है। आपका ये प्यार, आपका ये उत्साह, आपका ये समर्थन हिन्दुस्तान के हर पार्लियामेंट मेंबर के लिए बहुत बड़ी ताकत बनेगा, मैं आपका आभारी हूं.. आप विराजिए... thank you.
साथियों,
हाल में ही, गांधी जी की 150वीं जयंती पर, भारत ने खुद को open defecation free घोषित किया है। इतना ही नहीं, आज भारत के गरीब से गरीब का किचन धुएं से मुक्त... smoke free हो रहा है। 8 करोड़ घरों को हमने 3 साल से भी कम समय में मुफ्त LPG गैस कनेक्शन दिए हैं। 8 करोड़- यह संख्या थाईलैंड की आबादी से भी बड़ी है। दुनिया की सबसे बड़ी Healthcare scheme Ayushman Bharat आज करीब 50 करोड़ भारतीयों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की health coverage दे रही है। अभी इस योजना को... अभी-अभी एक साल पूरा हूआ है। लेकिन करीब 60 लाख लोगों को इसके तहत मु्फ्त में इलाज मिल चुका है। इसका मतलब ये हुआ कि अगले दो-तीन महीनों में ये संख्या बैंगकॉक की कुल आबादी से भी ज्यादा हो जाएगी।
साथियों,
बीते 5 सालों में हमने हर भारतीय को बैंक खाते से जोड़ा है, बिजली कनेक्शन से जोड़ा है और अब एक मिशन लेकर के हम चल पड़े हैं, हर घर तक पर्याप्त पानी के लिए काम कर रहे हैं। 2022 जब हिन्दुस्तान आजादी के 75 साल मनाएगा, 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहें हैं। 2022 तक हर गरीब को अपना पक्का घर देने के लिए भी पूरी शक्ति के साथ प्रयास किया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि भारत की इन उपलब्धियों के बारे में जब आप सुनते होंगे तो गर्व की अनुभूति और बढ़ जाती होगी।
साथियों,
मंच पर जब मैं आया उसके तुरंत बाद थोड़ी देर पहले भारत के दो महान सपूतों, दो महान संतों से जुड़े स्मारक चिन्ह रिलीज करने का मुझे सौभाग्य मिला। मुझे याद है कि 3-4 साल पहले संत थिरु वल्लुवर की महान कृति थिरुक्कुराल के गुजराती अनुवाद को launch करने का अवसर मुझे मिला था। और अब थिरुक्कुराल के थाई भाषा में अनुवाद से मुझे विश्वास है कि इस भू-भाग के लोगों को भी बहुत लाभ होगा। क्योंकि ये सिर्फ एक ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन जीने के लिए एक गाइडिंग लाइट है। लगभग ढाई हजार साल पहले के इस ग्रंथ में जिन मूल्यों का समावेश है वे आज भी हमारी अनमोल धरोहर है। उदाहरण के लिए, संत थिरू वल्लुवर कहते हैं-
ताड़ात्रि दंड पोरूड़ेल्ल
डक्करक्क वेल्ड़ामि सइदर पुरूट्ट।
यानि योग्य व्यक्ति परिश्रम से जो धन कमाते हैं उसे दूसरों की भलाई में लगाते हैं। भारत और भारतीयों का जीवन आज भी इस आदर्श से प्रेरणा लेता है।
साथियों,
आज गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में स्मारक सिक्के भी जारी किए गए हैं और मुझे बताया गया कि यहां बैंकॉक में आज से पचास साल पहले, गुरु नानक देव जी का ‘पाँच सौवां’ प्रकाशोत्सव बहुत धूम-धाम से मनाया गया था। मुझे विश्वास है कि उनका ‘पांचसौ पचासवां’ प्रकाशोत्सव उससे भी भव्य तरीके से मनाया जाएगा। यहां सिख समुदाय ने फित्सानुलोक - या विष्णुलोक- में जो गुरुनानक देव जी गार्डन बनाया है, वो एक सराहनीय प्रयास है।
भाईयो और बहनो, इस पवित्र पर्व के मौके पर भारत सरकार बीते एक वर्ष से बैंकॉक सहित पूरे विश्व में कार्यक्रम आयोजित कर रही है। गुरु नानक देव जी सिर्फ भारत के, सिख पंथ के ही नहीं थे, बल्कि उनके विचार पूरी दुनिया, पूरी मानवता की धरोहर हैं। और हम भारतीयों की ये विशेष जिम्मेदारी है कि अपनी विरासत का लाभ पूरी दुनिया को दें। हमारा प्रयास है कि दुनिया भर में सिख पंथ से जुड़े साथियों को अपनी आस्था के केंद्रों से जुड़नें में आसानी हो।
साथियों,
आपको इस बात की भी जानकारी होगी कि कुछ दिनों बाद करतारपुर साहेब से भी अब सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित होने वाली है। 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर खुलने के बाद अब भारत से श्रद्धालु सीधे करतारपुर साहेब जा सकेंगे। मैं आपसे भी आग्रह करूंगा कि अधिक से अधिक संख्या में सपरिवार भारत आएं और गुरूनानक देव जी की धरोहर का खुद अनुभव करें।
साथियों,
भारत में भगवान बुद्ध से जुड़े तीर्थ स्थलों का आकर्षण और बढ़ाने के लिए भी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। लद्दाख से लेकर बोधगया, सोमनाथ से सांची तक, जहां-जहां भगवान बुद्ध के स्थान हैं, उनकी कनेक्टिविटी के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे स्थानों को बुद्ध शक्ति के रूप में develop किया जा रहा है। वहां आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया गया है। मुझे विश्वास है कि जब आप सभी, थाईलैंड के अपने मित्रों के साथ वहां जाएंगे, तो एक अभूतपूर्व अनुभव आपको मिलेगा।
साथियों,
हमारे प्राचीन trade relations में textile की अहम भूमिका रही है। अब टूरिज्म इस कड़ी को और मजबूत कर रहा है। थाईलैंड सहित इस पूरे Asean region के साथियों के लिए भी भारत अब आकर्षक destination बन करके उभर रहा है। बीते 4 साल में भारत ने ट्रेवल और टूरिज्म के ग्लोबल इंडेक्स में 18 रैंक का जंप लिया है। आने वाले समय में Tourism के ये संबंध और मजबूत होने वाले हैं। हमनें अपने Heritage, spiritual और medical tourism से जुड़ी सुविधाओं को और मजबूत किया है। इतना ही नहीं टूरिज्म के लिए कनेक्टिविटी के infrastructure में भी अभुतपूर्व काम किया गया है।
साथियों,
मैंने इस बात का जिक्र किया कि मैं आसियान भारत और उससे जुड़ी मुलाकातों के लिए यहां आया हूं। दरअसल आसियान देशों के साथ अपने सम्बन्धों को बढ़ावा देना हमारी सरकार की विदेश नीति की प्राथमिकताओं में से एक महत्वपूर्ण है और इसके लिए हमने Act East Policy को विशेष महत्व दिया है। पिछले साल, भारत-आसियान dialogue partnership की silver जुबिली थी। इस अवसर पर पहली बार ऐसा हुआ कि सभी दस आसियान देशों के शीर्ष नेता, एक साथ भारत में commemorative summit के लिए आए और उन्होंने 26 जनवरी को हमारे रिपब्लिक डे में भाग लेकर हमारा मान बढ़ाया।
भाईयो और बहनो, ये केवल diplomatic event नहीं था। आसियान के साथ भारत की साझा संस्कृति की छठा सिर्फ रिपब्लिक डे परेड में राजपथ पर नहीं भारत के कोने-कोने में पहुंची है।
साथियों,
Physical Infrastructure हो या फिर Digital Infrastructure, आज भारत की World Class सुविधाओं का विस्तार हम थाइलैंड और दूसरे आसियान देशों को जोड़ने में भी कर रहे हैं। Air हो, Sea हो या फिर रोड कनेक्टिविटी, भारत और थाईलैंड बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। आज हर हफ्ते करीब 300 फ्लाइट्स दोनों देशों के बीच चल रही हैं। भारत के 18 destinations आज थाईलैंड से सीधे कनेक्टेड हैं। आज स्थिति ये है कि दोनों देशों के किसी भी दो destinations के बीच average flight time 2 घंटे से 4 घंटे का टाइम है। ये तो ऐसा ही है जैसे आप भारत में ही दो जगहों के बीच fly कर रहे हों। मेरी parliamentary constituency मेरा संसदीय क्षेत्र दुनिया की सबसे प्रचीन नगरी काशी से जो सीधी फ्लाइट बैंककांक के लिए इस साल शुरू हुई है वो भी बहुत पॉपुलर हो चुकी है। इससे हमारी प्रचीन संस्कृतियों का जुड़ाव और मजबूत हुआ है। और बहुत बड़ी मात्रा में buddhist tourist सारनाथ जो जाना चाहते हैं वो काशी आते है। हमारा फोकस भारत के नार्थ ईस्ट को थाईलैंड से जोड़ने पर है. नॉर्थ ईस्ट इंडिया को हम साउथ ईस्ट एशिया के गेटवे के तौर पर develop कर रहे हैं। भारत का ये हिस्सा हमारी Act East Policy और थाइलैंड की Act West Policy, दोनों को ताकत देगा। इस फरवरी में बैंककांक में भारत से बाहर पहला नार्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल मनाने के पीछे भी यही कल्पना थी। मुझे बताया गया है कि इससे नार्थ ईस्ट इंडिया के प्रति थाईलैंड में जिज्ञासा भी बड़ी है और समझ भी बेहतर हुई है। और हां, एक बार भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाईवे यानि Trilateral Highway शुरु हो जाएगा तो नॉर्थ ईस्ट इंडिया और थाईलैंड के बीच seamless connectivity तय है। इससे इस पूरे क्षेत्र में trade भी बढ़ेगा, tourism भी बढ़ेगा और tradition को भी एक नई ताकत मिलेगी।
भाईयो और बहनो, मुझे इस बात की भी खुशी है कि आप सभी थाईलैंड की Economy को सशक्त करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। आप थाइलैंड और भारत के मजबूत व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्तों की सबसे मजबूत कड़ी हैं। आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होने वाली ईकोनॉमी में से एक है। आने वाले पांच वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की ईकोनॉमी बनने के लिए भारत पूरी शक्ति से जुटा है। इस लक्ष्य को लेकर जब हम काम कर रहे हैं तो जाहिर है कि इसमें आप सभी की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है।
साथियो,
आज हम भारत में talent को, innovative mind को encourage कर रहे हैं। Information and Communication Technology में भारत जो काम कर रहा है, उसका लाभ थाईलैंड को भी मिले, इसके लिए भी प्रयास चल रहे हैं। Space Technology हो Bio Technology हो, Pharma हो, भारत और थाइलैंड के बीच सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। हाल में हमारी सरकार ने भारत और आसियान देशों के बीच रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में एक अहम फैसला लिया है। हमने तय किया है कि आसियान देशों के 1 हज़ार युवाओं के लिए IITs में Post-Doctoral Fellowship दी जाएगी। आपके थाई साथियों, यहां के स्टूडेंटस से मेरा आग्रह रहेगा कि इसका अधिक से अधिक लाभ वो उठाएं और आप ही उन लोगों को बताएं।
साथियो,
बीते 5 सालों से हमने ये निरंतर प्रयास किया है कि दुनिया भर में बसे भारतीयों के लिए सरकार हर समय उपलब्ध रहे और भारत से उनके कनेक्ट को मजबूत किया जाए। और इसके लिए OCI Card स्कीम को अधिक flexible बनाया गया है। हमने हाल ही में फैसला लिया है कि OCI Card holders वो भी New Pension Scheme में एनरोल कर सकते हैं। हमारी Embassies आपसे जुड़े मुद्दों को सुलझाने में अब अधिक proactive हैं और 24 घंटे available हैं। Consular services को और efficient बनाने पर भी हम लगातार काम कर रहे हैं।
साथियो,
आज अगर भारत की दुनिया में पहुंच बढ़ी है तो, इसके पीछे आप जैसे साथियों का बहुत बड़ा रोल है। इस रोल को हमें और सशक्त करना है। और मुझे विश्वास है कि आप जहां भी होंगे, आपके पास जो भी संसाधन होंगे, आपका जो भी सामर्थ्य होगा आप जरूर मां भारती की सेवा का मौका ढूंढते ही होंगें। इस विश्वास के साथ एक बार फिर आप सभी का इतनी बड़ी संख्या में यहां आने पर हमें आशीर्वाद देने के लिए आप पधारे इसके लिए मैं ह्दय से आपका आभार व्यक्त करता हूं।
साथियो,
पूरी दुनिया ने अभी-अभी दीपावली का त्यौहार मनाया है। यहां थाईलैंड में भी भारत के पूर्वांचल से भी काफी संख्या में लोग आए हैं और आज पूर्वी भारत में, अब तो करीब करीब पूरे हिन्दुस्तान में सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना का महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मैं भारतवासियों के साथ ही थाईलैंड में रहने वाले अपने सभी साथियों को भी छठ पूजा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
साथियो,
थाईलैंड की यह मेरी पहली official यात्रा है। तीन साल पहले थाईलैंड नरेश के स्वर्गवास पर मैंने शोक संतप्त भारत की ओर से यहां रूबरू में आकर के उन्हें श्रद्धांजालि अर्पित की थी। और आज, थाईलैंड के नए नरेश के राज-काल में, अपने मित्र प्रधानमंत्री ‘प्रयुत चान ओ च’ के निमंत्रण पर मैं भारत-आसियान समिट में भाग लेने आज यहाँ आया हूँ। मैं संपूर्ण राजपरिवार, थाईलैंड साम्राज्य की सरकार और थाई मित्रों को भारत के 1.3 बिलियन लोगों की और से अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
साथियो,
थाईलैंड के राजपरिवार का भारत के प्रति लगाव हमारे घनिष्ठ और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है। राजकुमारी महाचकरी स्वंय संस्कृत भाषा की बहुत बड़ी विद्वान है और संस्कृति में उनकी गहरी रूचि है। भारत से उनका आत्मीय नाता बहुत गहन है, परिचय बहुत व्यापक है और हमारे लिए ये बहुत सौभाग्य की बात है कि पद्मभूषण और संस्कृत सम्मान से भारत ने उनके प्रति अपना आभार व्यक्त किया है।
साथियो,
क्या आपने सोचा है कि हमारे रिश्तों में इतनी आत्मीयता आई कैसे? हमारे बीच संबंध और संपर्क की इस गहराई का कारण क्या है? ये आपसी विश्वास, ये घुल-मिल के रहना, ये सद्भाव, ये आए कहां से... इन सवालों का एक सीधा सा जवाब है... दरअसल, हमारे रिश्ते सिर्फ सरकारों के बीच के नहीं हैं और न ही किसी एक सरकार को इन रिश्तों के लिए हम कह सके कि इस समय हुआ, इस समय हुआ ऐसा भी नहीं कह सकते। हकीकत तो यह है कि इतिहास के हर पल ने, इतिहास की हर तारीख ने, इतिहास की हर घटना ने हमारे इन संबंधों को विकसित किया है, विस्तृत किया है, गहरा किया है और नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। ये रिश्ते दिल के हैं, आत्मा के हैं, आस्था के हैं, अध्यात्म के हैं। भारत का नाम पौराणिक काल के जंबूद्वीप से जुड़ा है । वहीं थाइलैंड सुवर्णभूमि का हिस्सा था। जंबूद्वीप और सुवर्णभूमि, भारत और थाईलैंड ये जुड़ाव हजारों साल पुराना है। भारत के दक्षिण, पूर्वी और पश्चिमी तट हजारों साल पहले दक्षिण पूर्वी एश्यिा के साथ समुद्र के रास्ते से जुड़े हैं। हमारे नाविकों ने तब समुद्र की लहरों पर हजारों मील का फासला तय करके समृद्धि और संस्कृति के जो सेतु बनाए वो आज भी विद्यमान हैं। इन्हीं रास्तों के जरिए समुद्री व्यापार हुआ, इन्हीं रास्तों से लोग आए-गए और इन्हीं के जरिए हमारे पूर्वजों ने धर्म और दर्शन, ज्ञान और विज्ञान, भाषा और साहित्य, कला और संगीत और अपनी जीवन-शैली भी साझा की।
भाईयो और बहनो, मैं अक्सर कहता हूं कि भगवान राम की मर्यादा और भगवान बुद्ध की करुणा, ये दोनों हमारी साझी विरासत है। करोड़ों भारतीयों का जीवन जहां रामायण से प्रेरित होता है, वही दिव्यता थाईलैंड में रामाकियन की है। भारत की अयोध्या नगरी, थाईलैंड में आ-युथ्या हो जाती है। जिन नारायण ने अयोध्या में अवतार लिया, उन के पावन-पवित्र वाहन - ‘गरुड़’ के प्रति थाईलैंड में अप्रतिम श्रद्धा है।
साथियो,
हम भाषा के ही नहीं, भावना के स्तर पर भी एक दूसरे के बहुत नजदीक हैं। इतने नजदीक कि कभी-कभी हमें इसका आभास भी नहीं होता। जैसे आपने मुझे कहा स्वास्दी मोदी ... इस स्वास्दी का संबंध संस्कृत के शब्द स्वस्ति से है। इसका अर्थ है- सु प्लस अस्ति, यानि कल्याण । यानि, आपका कल्याण हो। अभिवादन हो, Greetings हो, आस्था हो, हमें हर तरफ अपने नजदीकी सम्बन्धों के गहरे निशान मिलते हैं।
साथियो,
पिछले पांच सालों में मुझे दुनिया के कई देशों में जाने का अवसर मिला। और हर जगह भारतीय समुदाय से मिलना, उनके दर्शन करना, उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना, ये कोशिश मैं करता रहता हूं। और आज भी आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए मैं आपका बहुत आभारी हूं। लेकिन जब भी ऐसी मुलाकात हुई है, हरेक में मैंने देखा कि भारतीय समुदाय में भारत और उनके मेजबान देश की सभ्यताओं का एक अद्भुत संगम हमें नजर आता है। मुझे बड़ा गर्व होता है कि आप जहां भी रहे आपमें भारत रहता है, आपके भीतर भारत की संस्कृति और सभ्यता के मूल्य जीवंत रहते हैं। मुझे उतनी ही खुशी तब भी होती है जब उन देशों का नेतृत्व वहां के नेता, वहां के बिजनेस लीडरस भारतीय समुदाय की प्रतिभा, परिश्रम और अनुशासन की तारीफ करते हैं मुझे बहुत गर्व होता है। वो आपके मेल-जोल और शांति से रहने की प्रवृति के कायल नजर आते हैं । रे विश्व में भारतीय समुदाय की ये छवि हर हिन्दुस्तानी के लिए, पूरे भारत के लिए बहुत गर्व की बात है। और इसके लिए विश्व भर में फैले हुए आप सभी बंधु बधाई के पात्र हैं।
साथियो,
मुझे इस बात की भी खुशी होती है कि विश्व में जहां भी भारतीय हैं, वे भारत से संपर्क में रहते हैं। भारत में क्या हो रहा है, इसकी खबर रखते हैं। और कुछ लोग तो खबर ले भी लेते हैं और भारत की प्रगति से खासकर पिछले पांच साल की उपलब्धियों से विश्व भर में रहने वाले मेरे देशवासियों का माथा ऊंचा जाता है, सीना चौड़ा हो जाता है। उसका आत्मविश्वास अनेक गुणा बढ़ जाता है और यही तो देश की ताकत होती है।
साथियो,
वे अपने विदेशी मित्रों से कह सकते हैं, देखो – मैं भारतीय मूल का हूँ और मेरा भारत कैसी तेजी से, कितना आगे बढ़ रहा है। और जब कोई भी भारतीय दुनिया में ये कहता है तो आज दुनिया उसको बहुत गौर से सुनती है, आपने थाईलैंड में भी अनुभव किया होगा। क्योंकि 130 करोड़ भारतीय आज New India के निर्माण में लगे हुए हैं। आपमें से अनेक साथी जो पांच-सात साल पहले भारत गए होंगे उनको अब वहां जाने पर सार्थक परिवर्तन स्पष्ट अनुभव होता होगा। आज जो परिवर्तन भारत में आ रहा है उसी का परिणाम है कि देश के लोगों ने फिर एक बार.... फिर एक बार..... देशवासियों ने फिर एक बार मुझे, अपने इस सेवक को बीते लोकसभा चुनाव में पहले से भी अधिक आशीर्वाद दिया है।
साथियों,
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और ये हमारे लिए गर्व की बात है कि हम पूरे संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और दुनिया ये जानती भी है लेकिन लोकतंत्र का महाकुंभ यानी चुनाव... सबसे बड़ा चुनाव कैसे होता है, ये सही मायने में वही समझ सकता है जिसने इसे खुद अपनी आखों से देखा हो। आप संभवत: जानते होंगे कि इस साल के आम चुनावों में, इतिहास में सबसे ज़्यादा 60 करोड़ मतदाताओं ने मत डाले हैं, वोट डाले हैं। ये विश्व की लोकतंत्र के इतिहास की सबसे बड़ी घटना है। और हर भारतीय को इस बात का गर्व होना चाहिए। लेकिन क्या आप ये भी जानते हैं कि भारत के इतिहास में पहली बार महिला मतदाताओं की संख्या, यानी मतदान करने वाली महिलाएं अब पुरूषों के पीछे नहीं हैं जितने पुरूष वोट करते हैं इतनी ही महिलाएं भी वोट कर रही हैं। इतना ही नहीं, इस बार पहले से कहीं ज़्यादा महिला MPs लोकसभा में चुन कर आईं है। आजादी के बाद सबसे बड़ा नंबर है इस बार । क्या आप ये भी जानते हैं कि लोकतंत्र के प्रति हमारा commitment इतना गहरा है और आपको जान करके हैरानी होगी कि गुजरात में गीर सोमनाथ , गीर के जंगलों में एक मतदाता रहता है वहां जंगल में पहाड़ी में, उस एक मतदाता के लिए एक अलग पोलिंग बूथ बनाया जाता है। यानी हमारे लिए लोकतंत्र कितना बड़ा प्राथमिक है, कितना महत्वपूर्ण है, इसका ये उदाहरण है।
भाईयो और बहनो, भारत में और ये भी आपके लिए नई खबर होगी... भारत में छह दशक बाद यानी 60 साल के बाद किसी सरकार को पांच साल का टर्म पूरा करने के बाद पहले से भी बड़ा mandate मिला है। 60 साल पहले एक बार ऐसा हुआ था, 60 साल के बाद ये पहली बार हुआ है, और इसकी वजह है, पिछले पांच साल में भारत की उपलब्धियां.....। लेकिन इसका एक अर्थ यह भी है कि भारत के लोगों की अपेक्षाएं और आशाएं और बढ़ गई हैं। जो काम करता है लोग उसी से तो काम मांगते हैं। जो काम नहीं करता है लोग उसके दिन गिनते रहते हैं जो काम करता है उसे लोग काम देते रहते हैं। और इसलिए साथियों अब हम उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं जो कभी असंभव लगते थे। सोच भी नहीं सकते थे, मान के बैठे थे ये तो हो नहीं सकता है। आप सभी इस बात से परिचित हैं कि आतंक और अलगाव के बीज बोने वाले एक बहुत बड़े कारण से देश को मुक्त करने का निर्णय भारत ने कर लिया है। पता है... पता है क्या किया.. क्या किया.. थाईलैंड में रहने वाले हर हिन्दुस्तानी को पता है क्या किया... जब निर्णय सही होता है, इरादा सही होता है उसकी गूंज दुनिया भर में सुनाई देती है और आज थाईलैंड में भी सुनाई दे रही है।
Thank you , thank you ये आपका standing ovation... ये आपका standing ovation भारत की संसद के लिए है, भारत की पार्लियामेंट के लिए है, भारत के पार्लियामेंट के मेंबर्स के लिए है। आपका ये प्यार, आपका ये उत्साह, आपका ये समर्थन हिन्दुस्तान के हर पार्लियामेंट मेंबर के लिए बहुत बड़ी ताकत बनेगा, मैं आपका आभारी हूं.. आप विराजिए... thank you.
साथियों,
हाल में ही, गांधी जी की 150वीं जयंती पर, भारत ने खुद को open defecation free घोषित किया है। इतना ही नहीं, आज भारत के गरीब से गरीब का किचन धुएं से मुक्त... smoke free हो रहा है। 8 करोड़ घरों को हमने 3 साल से भी कम समय में मुफ्त LPG गैस कनेक्शन दिए हैं। 8 करोड़- यह संख्या थाईलैंड की आबादी से भी बड़ी है। दुनिया की सबसे बड़ी Healthcare scheme Ayushman Bharat आज करीब 50 करोड़ भारतीयों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की health coverage दे रही है। अभी इस योजना को... अभी-अभी एक साल पूरा हूआ है। लेकिन करीब 60 लाख लोगों को इसके तहत मु्फ्त में इलाज मिल चुका है। इसका मतलब ये हुआ कि अगले दो-तीन महीनों में ये संख्या बैंगकॉक की कुल आबादी से भी ज्यादा हो जाएगी।
साथियों,
बीते 5 सालों में हमने हर भारतीय को बैंक खाते से जोड़ा है, बिजली कनेक्शन से जोड़ा है और अब एक मिशन लेकर के हम चल पड़े हैं, हर घर तक पर्याप्त पानी के लिए काम कर रहे हैं। 2022 जब हिन्दुस्तान आजादी के 75 साल मनाएगा, 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहें हैं। 2022 तक हर गरीब को अपना पक्का घर देने के लिए भी पूरी शक्ति के साथ प्रयास किया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि भारत की इन उपलब्धियों के बारे में जब आप सुनते होंगे तो गर्व की अनुभूति और बढ़ जाती होगी।
साथियों,
मंच पर जब मैं आया उसके तुरंत बाद थोड़ी देर पहले भारत के दो महान सपूतों, दो महान संतों से जुड़े स्मारक चिन्ह रिलीज करने का मुझे सौभाग्य मिला। मुझे याद है कि 3-4 साल पहले संत थिरु वल्लुवर की महान कृति थिरुक्कुराल के गुजराती अनुवाद को launch करने का अवसर मुझे मिला था। और अब थिरुक्कुराल के थाई भाषा में अनुवाद से मुझे विश्वास है कि इस भू-भाग के लोगों को भी बहुत लाभ होगा। क्योंकि ये सिर्फ एक ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन जीने के लिए एक गाइडिंग लाइट है। लगभग ढाई हजार साल पहले के इस ग्रंथ में जिन मूल्यों का समावेश है वे आज भी हमारी अनमोल धरोहर है। उदाहरण के लिए, संत थिरू वल्लुवर कहते हैं-
ताड़ात्रि दंड पोरूड़ेल्ल
डक्करक्क वेल्ड़ामि सइदर पुरूट्ट।
यानि योग्य व्यक्ति परिश्रम से जो धन कमाते हैं उसे दूसरों की भलाई में लगाते हैं। भारत और भारतीयों का जीवन आज भी इस आदर्श से प्रेरणा लेता है।
साथियों,
आज गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में स्मारक सिक्के भी जारी किए गए हैं और मुझे बताया गया कि यहां बैंकॉक में आज से पचास साल पहले, गुरु नानक देव जी का ‘पाँच सौवां’ प्रकाशोत्सव बहुत धूम-धाम से मनाया गया था। मुझे विश्वास है कि उनका ‘पांचसौ पचासवां’ प्रकाशोत्सव उससे भी भव्य तरीके से मनाया जाएगा। यहां सिख समुदाय ने फित्सानुलोक - या विष्णुलोक- में जो गुरुनानक देव जी गार्डन बनाया है, वो एक सराहनीय प्रयास है।
भाईयो और बहनो, इस पवित्र पर्व के मौके पर भारत सरकार बीते एक वर्ष से बैंकॉक सहित पूरे विश्व में कार्यक्रम आयोजित कर रही है। गुरु नानक देव जी सिर्फ भारत के, सिख पंथ के ही नहीं थे, बल्कि उनके विचार पूरी दुनिया, पूरी मानवता की धरोहर हैं। और हम भारतीयों की ये विशेष जिम्मेदारी है कि अपनी विरासत का लाभ पूरी दुनिया को दें। हमारा प्रयास है कि दुनिया भर में सिख पंथ से जुड़े साथियों को अपनी आस्था के केंद्रों से जुड़नें में आसानी हो।
साथियों,
आपको इस बात की भी जानकारी होगी कि कुछ दिनों बाद करतारपुर साहेब से भी अब सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित होने वाली है। 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर खुलने के बाद अब भारत से श्रद्धालु सीधे करतारपुर साहेब जा सकेंगे। मैं आपसे भी आग्रह करूंगा कि अधिक से अधिक संख्या में सपरिवार भारत आएं और गुरूनानक देव जी की धरोहर का खुद अनुभव करें।
साथियों,
भारत में भगवान बुद्ध से जुड़े तीर्थ स्थलों का आकर्षण और बढ़ाने के लिए भी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। लद्दाख से लेकर बोधगया, सोमनाथ से सांची तक, जहां-जहां भगवान बुद्ध के स्थान हैं, उनकी कनेक्टिविटी के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे स्थानों को बुद्ध शक्ति के रूप में develop किया जा रहा है। वहां आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया गया है। मुझे विश्वास है कि जब आप सभी, थाईलैंड के अपने मित्रों के साथ वहां जाएंगे, तो एक अभूतपूर्व अनुभव आपको मिलेगा।
साथियों,
हमारे प्राचीन trade relations में textile की अहम भूमिका रही है। अब टूरिज्म इस कड़ी को और मजबूत कर रहा है। थाईलैंड सहित इस पूरे Asean region के साथियों के लिए भी भारत अब आकर्षक destination बन करके उभर रहा है। बीते 4 साल में भारत ने ट्रेवल और टूरिज्म के ग्लोबल इंडेक्स में 18 रैंक का जंप लिया है। आने वाले समय में Tourism के ये संबंध और मजबूत होने वाले हैं। हमनें अपने Heritage, spiritual और medical tourism से जुड़ी सुविधाओं को और मजबूत किया है। इतना ही नहीं टूरिज्म के लिए कनेक्टिविटी के infrastructure में भी अभुतपूर्व काम किया गया है।
साथियों,
मैंने इस बात का जिक्र किया कि मैं आसियान भारत और उससे जुड़ी मुलाकातों के लिए यहां आया हूं। दरअसल आसियान देशों के साथ अपने सम्बन्धों को बढ़ावा देना हमारी सरकार की विदेश नीति की प्राथमिकताओं में से एक महत्वपूर्ण है और इसके लिए हमने Act East Policy को विशेष महत्व दिया है। पिछले साल, भारत-आसियान dialogue partnership की silver जुबिली थी। इस अवसर पर पहली बार ऐसा हुआ कि सभी दस आसियान देशों के शीर्ष नेता, एक साथ भारत में commemorative summit के लिए आए और उन्होंने 26 जनवरी को हमारे रिपब्लिक डे में भाग लेकर हमारा मान बढ़ाया।
भाईयो और बहनो, ये केवल diplomatic event नहीं था। आसियान के साथ भारत की साझा संस्कृति की छठा सिर्फ रिपब्लिक डे परेड में राजपथ पर नहीं भारत के कोने-कोने में पहुंची है।
साथियों,
Physical Infrastructure हो या फिर Digital Infrastructure, आज भारत की World Class सुविधाओं का विस्तार हम थाइलैंड और दूसरे आसियान देशों को जोड़ने में भी कर रहे हैं। Air हो, Sea हो या फिर रोड कनेक्टिविटी, भारत और थाईलैंड बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। आज हर हफ्ते करीब 300 फ्लाइट्स दोनों देशों के बीच चल रही हैं। भारत के 18 destinations आज थाईलैंड से सीधे कनेक्टेड हैं। आज स्थिति ये है कि दोनों देशों के किसी भी दो destinations के बीच average flight time 2 घंटे से 4 घंटे का टाइम है। ये तो ऐसा ही है जैसे आप भारत में ही दो जगहों के बीच fly कर रहे हों। मेरी parliamentary constituency मेरा संसदीय क्षेत्र दुनिया की सबसे प्रचीन नगरी काशी से जो सीधी फ्लाइट बैंककांक के लिए इस साल शुरू हुई है वो भी बहुत पॉपुलर हो चुकी है। इससे हमारी प्रचीन संस्कृतियों का जुड़ाव और मजबूत हुआ है। और बहुत बड़ी मात्रा में buddhist tourist सारनाथ जो जाना चाहते हैं वो काशी आते है। हमारा फोकस भारत के नार्थ ईस्ट को थाईलैंड से जोड़ने पर है. नॉर्थ ईस्ट इंडिया को हम साउथ ईस्ट एशिया के गेटवे के तौर पर develop कर रहे हैं। भारत का ये हिस्सा हमारी Act East Policy और थाइलैंड की Act West Policy, दोनों को ताकत देगा। इस फरवरी में बैंककांक में भारत से बाहर पहला नार्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल मनाने के पीछे भी यही कल्पना थी। मुझे बताया गया है कि इससे नार्थ ईस्ट इंडिया के प्रति थाईलैंड में जिज्ञासा भी बड़ी है और समझ भी बेहतर हुई है। और हां, एक बार भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाईवे यानि Trilateral Highway शुरु हो जाएगा तो नॉर्थ ईस्ट इंडिया और थाईलैंड के बीच seamless connectivity तय है। इससे इस पूरे क्षेत्र में trade भी बढ़ेगा, tourism भी बढ़ेगा और tradition को भी एक नई ताकत मिलेगी।
भाईयो और बहनो, मुझे इस बात की भी खुशी है कि आप सभी थाईलैंड की Economy को सशक्त करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। आप थाइलैंड और भारत के मजबूत व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्तों की सबसे मजबूत कड़ी हैं। आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होने वाली ईकोनॉमी में से एक है। आने वाले पांच वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की ईकोनॉमी बनने के लिए भारत पूरी शक्ति से जुटा है। इस लक्ष्य को लेकर जब हम काम कर रहे हैं तो जाहिर है कि इसमें आप सभी की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है।
साथियो,
आज हम भारत में talent को, innovative mind को encourage कर रहे हैं। Information and Communication Technology में भारत जो काम कर रहा है, उसका लाभ थाईलैंड को भी मिले, इसके लिए भी प्रयास चल रहे हैं। Space Technology हो Bio Technology हो, Pharma हो, भारत और थाइलैंड के बीच सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। हाल में हमारी सरकार ने भारत और आसियान देशों के बीच रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में एक अहम फैसला लिया है। हमने तय किया है कि आसियान देशों के 1 हज़ार युवाओं के लिए IITs में Post-Doctoral Fellowship दी जाएगी। आपके थाई साथियों, यहां के स्टूडेंटस से मेरा आग्रह रहेगा कि इसका अधिक से अधिक लाभ वो उठाएं और आप ही उन लोगों को बताएं।
साथियो,
बीते 5 सालों से हमने ये निरंतर प्रयास किया है कि दुनिया भर में बसे भारतीयों के लिए सरकार हर समय उपलब्ध रहे और भारत से उनके कनेक्ट को मजबूत किया जाए। और इसके लिए OCI Card स्कीम को अधिक flexible बनाया गया है। हमने हाल ही में फैसला लिया है कि OCI Card holders वो भी New Pension Scheme में एनरोल कर सकते हैं। हमारी Embassies आपसे जुड़े मुद्दों को सुलझाने में अब अधिक proactive हैं और 24 घंटे available हैं। Consular services को और efficient बनाने पर भी हम लगातार काम कर रहे हैं।
साथियो,
आज अगर भारत की दुनिया में पहुंच बढ़ी है तो, इसके पीछे आप जैसे साथियों का बहुत बड़ा रोल है। इस रोल को हमें और सशक्त करना है। और मुझे विश्वास है कि आप जहां भी होंगे, आपके पास जो भी संसाधन होंगे, आपका जो भी सामर्थ्य होगा आप जरूर मां भारती की सेवा का मौका ढूंढते ही होंगें। इस विश्वास के साथ एक बार फिर आप सभी का इतनी बड़ी संख्या में यहां आने पर हमें आशीर्वाद देने के लिए आप पधारे इसके लिए मैं ह्दय से आपका आभार व्यक्त करता हूं।
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